मंदिर की संपत्ति लूटने के स्टेप जो अंग्रेजों ने शुरू किए थे , काँग्रेस ने आगे बढ़ाए और बीजेपी आगे बढ़ने दे रही है


1. ये दुष्प्रचार करो की मंदिर का पैसा ब्राह्मण लूट रहे है , फिर इस लूट को रोकने के बहाने मंदिर को सरकारी नियंतारण में लो 

2. फिर एक ट्रस्ट बनाओ जो मंदिर का मनेजमेंट संभाले , इस ट्रस्ट के लोग सरकार नयुक्त करेगी , फिर थोड़ा और दुष्प्रचार करो की पूजा-पाठ मे अपार दक्षिणा मिलती है जो पंडित पूरी खा लेता है 
दक्षिणा पर से अधिकार इस बहाने छीन लो और पंडितों को सिर्फ 
 सिर्फ मामूली तनखा वाला कर्मचारी बना दो 

3. सामाजिक न्याय के नाम पे दलितों पिछड़ो के विकास के नाम पे , मंदिर व्यवस्था मे नियुक्ति करने के अधिकार छीन लो और वहा सबको भरने दो 

ये स्टेप होते ही मंदिर मे ईसाइयों की एंट्री हो जाती है , और हिन्दू नाम वाले कॉनवर्टेड क्रिश्चियन दलित पिछड़ो के रूप मे मंदिर मे आ जाते है 

फिर मंदिर एक कंपनी जैसा बन जाता है , पूरी आय ट्रस्ट के पास , ट्रस्ट सरकार के पास , मंदिर के पैसे से चल रहे दूसरे काम जैसे भंडारे , गुरुकुकल आदि बंद कर दो , पूरा ध्यान आय बढ़ाने पर होता है , प्रसाद के भी पैसे लिए जाने लगते है , वीआईपी दर्शन जैसी चीजे आ जाती है 

मंदिरों का पैसा मिनोरिटी मिनिस्ट्री के पास पहुचा दिया जाता है , हिन्दुओ के पैसा गैर हिन्दुओ के पास 

4. अगले स्टेप मे सेक्यलरिज़म के नाम पर मंदिर प्रॉपर्टी पर ईसाइयों मुसलमानों को दुकाने चलाने को दे दो 

5. जब यहा गैर हिन्दुओ के बिजनस शुरू हो जाते है तो बड़ी तेजी से आसपास की डिमाग्रफी बदलना शुरू हो जाती है , असपास मस्जिद चर्च जगह जगह हो जायेगे 

उसके बाद यहा सब कुछ भ्रष्ट हो जाता है जैसा तिरुपति मे है

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