सेकुलर नेता, अभिनेता और ईमानदारी पत्रकारों के लिए

कथित ईमानदार पत्रकार, सेकुलर नेता, अभिनेता मुसलमानों के पूर्व नियोजित नृशंसता को जस्टिफाई करने का काम कर रहे हैं। याद रखा जाएगा। अगर एक झंडा हटाने की सजा मौत है तो देवालयों को तोड़ने जलाने और मूर्तियों को विखंडित करने की सजा क्या हो सकती है?

अगर हत्या की प्रतिक्रिया स्वरूप हिंदू समाज उठ खड़ा हुआ और ऐसे ही मरना शुरू कर दिया तब क्या ऐसे ही जस्टिफाई करोगे। हर जुम्मे को मस्जिद में लगे लाउड स्पीकरो से नफरत बोई जाती है, अगर हिंदुओ ने उसका प्रतिकार करना शुरू कर दिया तब क्या ऐसे ही जस्टिफाई करोगे?

तब फिर क्यों बाबा सिद्दीकी की मौत पर दुखी हो रहे हो, बाबा सिद्दीकी ने बहुतों के घरों को उजाड़ा है, गुलशन कुमार की हत्या में शामिल था। कल को अगर सलमान खान को मार दिया जाता है बिश्नोई द्वारा, तब क्या तुम जस्टिफाई कर पाओगे? 

भावनाए केवल मुसलमानों की नही हैं! हिंदुओ की भी है, जिस बिश्नोई समाज के लिए हिरण पूजनीय है, बेटे समाज स्नेह देती हैं बिश्नोई समाज की माताएं । उस हिरण को मारने की मृत्यु दण्ड के आलावा क्या सजा हो सकती है। 

शिवलिंग जो भगवान शंकर का प्रतीक है के अपमान के लिए अमीर खान जैसे को अगर कोई हिंदू उठ खड़ा हो और मौत के घाट उतार दे, तब भी ऐसे ही जस्टिफाई कर पाओगे? गाय को हिंदू मां मानता है, गाय के अपमान के लिए, गाय की नृशंस हत्या करने वाले मुसलमानों को अगर कोई हिंदू उठ खड़ा हो और मार दे तब भी जस्टिफाई करना पड़ेगा तुमको।

क्या कर पाओगे जस्टिफाई जितना तुम आज एक कपड़े के टुकड़े के लिए उस मासूम की हत्या को जस्टिफाई कर रहे हो, हमारे तो देवालयों को विखंडित किया गया है, अगर हिंदुओं ने प्रतिकार शुरू किया और हर एक अपराध के लिए ऐसे ही सरेआम हत्याएं शुरू कर दी तो क्या उसको भी जस्टिफाई कर पाओगे? 

अगर नहीं कर सकते ये सब तो चुल्लू भर पानी में डूब मरो, ईमानदारी तुम्हारे लिए दकियानूसी मात्र है। तुम एक मक्कार, सुअर से भी गैर गुजरी प्रजाति हो, तुहारा सुअर से भी कंपेयर करना सुअर का अपमान होगा।

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